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जो हमारी किस्मत मे ना हो, उसी को फिर भी प्यार करना सचगी मोहब्बत होती है |
चंद अधूरा है सितारों के बिना, गुलशन अधूरा है फुवारों के बिना ,
समुन्द्र अधूरा है किनारों के बिना , यह शाम अधूरी है आपके बिना |
हर कोई परेशान है मेरे कम बोलने से , और मै परेशान हु अपने अंदर के शोर से |
वो इंसान आपसे बहुत प्यार करता है, जो हर रोज आपसे बिना वजह लड़ाई करता है |
नहीं लिखते हथेलियों पर अब तुम्हारा नाम, कोरोबर मे सबसे हाथ मिलाना होता है |
बेवफ़ा से वफ़ा कर के गुजरी है जिंदगी, इसलिए बरस रहा हु तेज बारिश की तरह इस कदर |
रूबरू मिलने का मोका मिलता ही नहीं हर रोज, इसलिए लफ्जों मे तुम्हें छू लिया मैंने |
तुम रखलों अपने पास मुझे कैद करके, काश के हुमसे कोई ऐसा गुनाह हो जाए |
प्यार मोहब्बत आशिकी यह बस अल्फ़ाज़ ही थे, जब आप मिले तब इन अल्फ़ाजो को मायने मिले |
उनसे कहदों किसी और से मोहब्बत का ना सोचे, एक हम ही काफी है उम्र भर चाहने के लिए |
जब” “कोई” “तुम्हारा” “दिल” “दुखाये” “मजाक” “उड़ाए’ “तो” “चुप” “रहना” “बेहतर” “है |
“क्योंकि” “जिन्हें” “हम” “जवाब” “नहीं” “देते” “उन्हें” वक्त “जवाब” “जरुर” “देता” “है |
“किसी” “की” “मजबूरियाँ” “पे” “ना” “हँसिये” “कोई” “मजबूरियाँ” “ख़रीद” “कर” “नहीं” “लाता |
“डरिये” वक्त “की” “मार” “से” “बूरा” वक्त “किसी” “को” “बताकर” “नहीं” “आता |
“सदा” “उनके” “कर्जदार” “रहिये”, “जो” “आपके” “लिये” “कभी” “खुद” “का” वक्त “नहीं” “देखते |
वक्त “की” “यारी” “तो” “हर” “कोई” “करता” “है” “मेरे” “दोस्त”, “मजा” “तो” “तब” “है “जब” वक्त “बदल” “जाए” “और” “यार” “ना” “बदले |
“एक-दुसरे” “के” “लिये” “जीने” “का” “नाम” “ही” “जिंदगी” “है”, “इसलिये” वक्त “उन्हें” “दो”… “जो” “तुम्हें” “चाहते” “हैं” “दिल” “से |
तुम्हें देखकर दिल का करार हो जाता है, जितना रोकू खुद को उतना ही तुमसे प्यार हो जाता है |